दस लाख
بواسطة
सुरेन्द्र मोहन पाठक
لا توجد تقييمات بعد
تنسيق
غلاف ورقي
لغة
الهندية
منشور
Jan 1, 1998
الناشر
Shiva Pocket Books
الوصف
एक युवक की कहानी है, जिसे उसकी मां ने प्यार से जीता नाम दिया, लेकिन उसकी जिंदगी का सफर एक मजबूरियों और चुनौतियों से भरा रहा। वह तिजोरी तोड़ने की कला में माहिर है, लेकिन उसके भीतर की निराशा और संघर्ष उसे हर बार एक नई परिस्थिति में डाल देते हैं।
वो ऐसे तमाम क्षणों का सामना करता है, जब उसे अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना होता है। उसका प्रश्न यह है कि क्या वह अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा? या उसके अतीत की परछाइयाँ उसे लगातार परेशान करती रहेंगी?
कहानी में उनकी दुविधाओं और ख्वाबों का चित्रण होता है। क्या वह अपने जीवन में कुछ खास हासिल कर पाएगा? या फिर जीवन के मुश्किल रास्ते पर चलते-चलते वह खुद को खो बैठेगा? यह यात्रा न केवल आत्म-खोज की है, बल्कि समाज और परिवार के जटिल रिश्तों को भी उजागर करती है।
वो ऐसे तमाम क्षणों का सामना करता है, जब उसे अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना होता है। उसका प्रश्न यह है कि क्या वह अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा? या उसके अतीत की परछाइयाँ उसे लगातार परेशान करती रहेंगी?
कहानी में उनकी दुविधाओं और ख्वाबों का चित्रण होता है। क्या वह अपने जीवन में कुछ खास हासिल कर पाएगा? या फिर जीवन के मुश्किल रास्ते पर चलते-चलते वह खुद को खो बैठेगा? यह यात्रा न केवल आत्म-खोज की है, बल्कि समाज और परिवार के जटिल रिश्तों को भी उजागर करती है।