Swarg Ki Tabaahi
توسط
Anupam Sinha
هنوز رتبهبندی نشده است
فرمت
جلد نرم
صفحات
32
زبان
هندی
منتشر شده
Jan 1, 1986
ناشر
Raj Comics
ISBN-13
9788184915020
توضیحات
ध्रुव ने राजनगर में पसरे आतंक का सामना करने का निर्णय लिया, जो पशुमानवों के द्वारा फैलाई गई अराजकता से उपजा था। उसने लक्ष्यद्वीप के घने जंगलों में कदम रखा, जहां रहस्यमय और खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना था। यह यात्रा उसकी ताकत और साहस की परीक्षा लेने वाली थी, लेकिन उसमें एक अदम्य जिज्ञासा और सच्चाई के लिए लड़ाई की भावना थी।
जंगल के भीतर उसे न केवल पशुमानवों की असली पहचान का पता चलने वाला था, बल्कि वह अपने भीतर छिपे भय और अनिश्चितताओं का भी सामना करेगा। यह एक अद्भुत यात्रा है, जहां ध्रुव को मित्रता, विश्वासघात, और संघर्ष के चेहरे से मिलने का अवसर मिलेगा। इस सफर के दौरान वह समझेगा कि सच्चे दुश्मन अक्सर बाहरी नहीं, बल्कि भीतर ही होते हैं।
जंगल के भीतर उसे न केवल पशुमानवों की असली पहचान का पता चलने वाला था, बल्कि वह अपने भीतर छिपे भय और अनिश्चितताओं का भी सामना करेगा। यह एक अद्भुत यात्रा है, जहां ध्रुव को मित्रता, विश्वासघात, और संघर्ष के चेहरे से मिलने का अवसर मिलेगा। इस सफर के दौरान वह समझेगा कि सच्चे दुश्मन अक्सर बाहरी नहीं, बल्कि भीतर ही होते हैं।
نقدها
هنوز نظری ثبت نشده است
اولین نفری باشید که این کتاب را نقد کرده و نظرات خود را به اشتراک میگذارید
اولین نقد را اضافه کنیدسابقه خواندن
گزارشهای خواندنی یافت نشد
برای مشاهده گزارشها در اینجا، شروع به ردیابی پیشرفت خواندن خود کنید
اضافه کردن اولین سابقه خواندن شمایادداشتها
گزارش تراکنشها
هیچ گزارش تراکنشی یافت نشد
برای مشاهده گزارشها در اینجا، شروع به ردیابی معاملات کتاب خود کنید
اضافه کردن اولین سابقه تراکنش شما