NAGRAJ AUR BUGAAKU
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Format
Broché
Pages
64
Langue
Hindi
Publié
Jan 1, 1991
Éditeur
Raj Comics
ISBN-10
9332410070
ISBN-13
9789332410077
Description
संजय गुप्ता और प्रकाश मुलिक की यह कहानी साहस और रोमांच से भरी है, जहां थोडांगा और मिस किलर मिलकर एक भयावह योजना बनाते हैं। वे मौत के जाल बुनते हैं, और इस योजना के केंद्र में है बुगा नामक एक कुशल जापानी नृत्यकला का पात्र। हर पन्ने पर पाठक को धड़कनें तेज करने वाले पल मिलते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि नकारात्मकता का मुकाबला करने के लिए हमेशा एक हीरो का होना अनिवार्य है।
कहानी में नंदकumar का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जो अपने अद्वितीय कौशल और साहस से दुश्मनों को हराने का प्रयास करता है। उनके समर्पण और विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए पाठक उनके साथ एक यात्रा पर निकलते हैं। क्या नंदकुमार इस खतरनाक योजनाओं को नाकाम कर पाएंगे?
इस कथा में एक रोमांचकारी अनुभव पाया जाता है, जिसमें रहस्य, अद्भुत पात्र और भरपूर एक्शन है। यह पाठक को अंत तक बांधे रखती है, और यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या अच्छा अंत हमेशा संभव होता है।
कहानी में नंदकumar का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जो अपने अद्वितीय कौशल और साहस से दुश्मनों को हराने का प्रयास करता है। उनके समर्पण और विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए पाठक उनके साथ एक यात्रा पर निकलते हैं। क्या नंदकुमार इस खतरनाक योजनाओं को नाकाम कर पाएंगे?
इस कथा में एक रोमांचकारी अनुभव पाया जाता है, जिसमें रहस्य, अद्भुत पात्र और भरपूर एक्शन है। यह पाठक को अंत तक बांधे रखती है, और यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या अच्छा अंत हमेशा संभव होता है।
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