NAGRAJ AUR KAALDOOT
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Format
Broché
Pages
32
Langue
Hindi
Publié
Jan 1, 1989
Éditeur
Raj Comics
Description
नागद्वीप पर फैले आतंक से परेशान नागद्वीपवासियों के लिए उनके सम्राट नागराज की कहानी एक नई दिशा में मोड़ लेती है। नागराज, जो हमेशा अपने लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहता है, अचानक एक भूल का शिकार हो जाता है। यह भूल उसे एक गहरे संकट में डाल देती है, जहाँ न केवल उसकी बुद्धिमत्ता अपितु उसके साहस की भी परीक्षा होती है।
कहानी में आतंक का सामना करने के लिए नागराज को अपने सामर्थ्य और रणनीति पर भरोसा करना होता है। मगर, उसकी शक्तियों को चुनौती देने वाला एक कालदूत सामने आता है, जो उसे कई कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर करता है। यह संघर्ष न केवल उसके लिए, बल्कि नागद्वीप के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस रोमांचक कथा में साम्राज्य, साहस और कल्याण की अप्रत्याशित यात्रा का बखान किया गया है। पाठक अपने दिल में नागराज के प्रति उत्साह और सहानुभूति का अनुभव करते हैं, जब वह अपनी गलती का सामना करता है और अपने साम्राज्य को बचाने के लिए आगे बढ़ता है।
कहानी में आतंक का सामना करने के लिए नागराज को अपने सामर्थ्य और रणनीति पर भरोसा करना होता है। मगर, उसकी शक्तियों को चुनौती देने वाला एक कालदूत सामने आता है, जो उसे कई कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर करता है। यह संघर्ष न केवल उसके लिए, बल्कि नागद्वीप के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस रोमांचक कथा में साम्राज्य, साहस और कल्याण की अप्रत्याशित यात्रा का बखान किया गया है। पाठक अपने दिल में नागराज के प्रति उत्साह और सहानुभूति का अनुभव करते हैं, जब वह अपनी गलती का सामना करता है और अपने साम्राज्य को बचाने के लिए आगे बढ़ता है।
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