बीस लाख का बकरा
によって
सुरेन्द्र मोहन पाठक
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形式
ペーパーバック
言語
ヒンディー語
公開されました
Aug 1, 1988
出版社
Diamond Pocket Books
説明
सुरेन्द्र मोहन पाठक की कहानी में एक दिलचस्प और रहस्यमय दुनिया की झलक मिलती है, जहां ब्लैकमेल के कुशल खिलाड़ी अपने जाल में unsuspecting शिकारों को फंसाते हैं। कहानी की धार में ऐसे अनेक पात्र हैं जो अपनी चालाकियों से दूसरों को बकरा बनाते हैं, परंतु असल चुनौती तब सामने आती है जब खेल के नियम बदलने लगते हैं।
लेखक ने खतरनाक खेल के माहौल में उतार-चढ़ाव को बखूबी दर्शाया है। पाठक के लेखन में गहरी समझ और सूक्ष्म निरीक्षण की झलक दिखाई देती है, जो पाठकों को एक विशेष अनुभव में डूबो देती है। वह ब्लैकमेल के ऐसे मामलों का पर्दाफाश करते हैं जो न केवल रोमांचकारी होते हैं, बल्कि इंसानी स्वभाव की गहराइयों तक उतरते हैं।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, पाठक मुख्य पात्रों के साथ-साथ उनकी कमजोरियों और ताकतों को भी उजागर करते हैं। यह कहानी न केवल ब्लैकमेलिंग की काली दुनिया का चित्रण करती है, बल्कि मनुष्य की जटिलता, लालच और संतोष के बीच के संघर्ष को भी सामने लाती है। अंतत: यह एक ऐसा यात्रा है जहां विश्वास, धोखा और नायकत्व का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है।
लेखक ने खतरनाक खेल के माहौल में उतार-चढ़ाव को बखूबी दर्शाया है। पाठक के लेखन में गहरी समझ और सूक्ष्म निरीक्षण की झलक दिखाई देती है, जो पाठकों को एक विशेष अनुभव में डूबो देती है। वह ब्लैकमेल के ऐसे मामलों का पर्दाफाश करते हैं जो न केवल रोमांचकारी होते हैं, बल्कि इंसानी स्वभाव की गहराइयों तक उतरते हैं।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, पाठक मुख्य पात्रों के साथ-साथ उनकी कमजोरियों और ताकतों को भी उजागर करते हैं। यह कहानी न केवल ब्लैकमेलिंग की काली दुनिया का चित्रण करती है, बल्कि मनुष्य की जटिलता, लालच और संतोष के बीच के संघर्ष को भी सामने लाती है। अंतत: यह एक ऐसा यात्रा है जहां विश्वास, धोखा और नायकत्व का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है।