आगे भी मौत पीछे भी मौत
아직 평점이 없습니다
형식
페이퍼백
페이지
176
언어
힌디어
출판사
Ashok Pocket Books
설명
हरीश मेहता, एक समर्पित वकील, अपनी जीवन की नई शुरुआत के लिए तैयार है। वह अपनी पढ़ाई और पेशेवर जीवन में सफलता के साथ-साथ एक नए संसार की खोज कर रहा है। उसकी आकांक्षाएँ और सपने उसे एक चुनौतीपूर्ण रास्ते पर ले जाते हैं, जहाँ उसे न केवल अपने पेशेवर कौशल को परीक्षा में डालना है, बल्कि अपनी व्यक्तिगत चुनौतियों का भी सामना करना है।
वह एक ऐसे समाज का हिस्सा बनता है जहाँ अच्छे और बुरे के बीच की रेखाएँ धुंधली हैं। हर कदम पर उसे ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं, जो उसके नैतिक मूल्यों के विपरीत होते हैं। उसकी कहानी में रोमांच और उम्मीद के साथ-साथ डर और अनिश्चितता भी है। हर मोड़ पर उसे यह निर्णय लेना होता है कि क्या वह उस अंधेरी दुनिया में धंस जाएगा या अपने नैतिकता से समझौता नहीं करेगा।
जैसे-जैसे हरीश की यात्रा आगे बढ़ती है, पाठक उसकी चुनौतियों, संघर्षों और जीतों के माध्यम से एक दिलचस्प सफर का अनुभव करते हैं। क्या हरीश अपने रास्ते पर खड़ा रह सकेगा? यह कहानी आशा, संघर्ष और मानवता की पहचान को सामने लाती है, एक प्रभावशाली तरीके से जो पाठक को अंत तक बंधे रखता है।
वह एक ऐसे समाज का हिस्सा बनता है जहाँ अच्छे और बुरे के बीच की रेखाएँ धुंधली हैं। हर कदम पर उसे ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं, जो उसके नैतिक मूल्यों के विपरीत होते हैं। उसकी कहानी में रोमांच और उम्मीद के साथ-साथ डर और अनिश्चितता भी है। हर मोड़ पर उसे यह निर्णय लेना होता है कि क्या वह उस अंधेरी दुनिया में धंस जाएगा या अपने नैतिकता से समझौता नहीं करेगा।
जैसे-जैसे हरीश की यात्रा आगे बढ़ती है, पाठक उसकी चुनौतियों, संघर्षों और जीतों के माध्यम से एक दिलचस्प सफर का अनुभव करते हैं। क्या हरीश अपने रास्ते पर खड़ा रह सकेगा? यह कहानी आशा, संघर्ष और मानवता की पहचान को सामने लाती है, एक प्रभावशाली तरीके से जो पाठक को अंत तक बंधे रखता है।