Divya
아직 평점이 없습니다
History
Humor
형식
킨들
언어
힌디어
출판됨
Jul 1, 2018
출판사
Lokbharti Prakashan
설명
यशपाल की रचनाएँ हमेशा से भारतीय समाज के जटिलताओं और संघर्षों को दर्शाती रही हैं। उनका उपन्यास, जो आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की गहराई में जाकर अपने पात्रों की जिंदगियों को बुनता है, पाठक को एक नई दृष्टि देता है। यशपाल अपने विचारों द्वारा न केवल कहानी को आगे बढ़ाते हैं, बल्कि पाठक को उन चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रेरित करते हैं जो समाज में विद्यमान हैं।
कथानक में एक ऐसे पात्र की कहानी है, जो अपने सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्षों से जूझता है, और इस दौरान वह मार्क्सवादी सिद्धांतों को समझता और आत्मसात करता है। यशपाल की शैली में विचार और कहानी का एक समर्पित समावेश है, जो पाठक के मन में गहराई से गूंजता है। यह एक ऐसा पाठ है जो न केवल विचारों को जन्म देता है, बल्कि दिल को छूने वाली मानवीय भावनाओं को भी उजागर करता है।
यह उपन्यास सामाजिक वास्तविकता को एक नये प्राकृत में ढालता है, जहाँ नायक की जद्दोजहद एक समग्र चित्र प्रस्तुत करती है। यशपाल पाठक को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि समाज में बदलाव कैसे संभव है, और किस प्रकार की विचारधाराएँ इस प्रक्रिया को प्रेरित करती हैं। इस प्रकार, यह रचना न केवल साहित्यिक सामर्थ्य का प्रमाण है, बल्कि एक सामाजिक मर्म को भी उद्घाटित करती है।
कथानक में एक ऐसे पात्र की कहानी है, जो अपने सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्षों से जूझता है, और इस दौरान वह मार्क्सवादी सिद्धांतों को समझता और आत्मसात करता है। यशपाल की शैली में विचार और कहानी का एक समर्पित समावेश है, जो पाठक के मन में गहराई से गूंजता है। यह एक ऐसा पाठ है जो न केवल विचारों को जन्म देता है, बल्कि दिल को छूने वाली मानवीय भावनाओं को भी उजागर करता है।
यह उपन्यास सामाजिक वास्तविकता को एक नये प्राकृत में ढालता है, जहाँ नायक की जद्दोजहद एक समग्र चित्र प्रस्तुत करती है। यशपाल पाठक को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि समाज में बदलाव कैसे संभव है, और किस प्रकार की विचारधाराएँ इस प्रक्रिया को प्रेरित करती हैं। इस प्रकार, यह रचना न केवल साहित्यिक सामर्थ्य का प्रमाण है, बल्कि एक सामाजिक मर्म को भी उद्घाटित करती है।