गोवा गलाटा
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형식
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페이지
320
언어
힌디어
출판됨
Feb 25, 2015
출판사
Harper Hindi
ISBN-10
935177161X
ISBN-13
9789351771616
설명
सुरेन्द्र मोहन पाठक की "गोवा गलाटा" एक अनोखी यात्रा है, जिसमें जीवन के उन सिरदर्द भरे पहलुओं को छुआ गया है, जिनका आमतौर पर सामना नहीं किया जाता। यह कहानी उन लोगों की है जो समाज के किनारे पर खड़े हैं और अपनी पहचान के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। किताब में जीवन की कर्कश सच्चाई को बयां किया गया है, जहां मनुष्य की कीमत और अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते हैं।
लेखक पाठक ने क्रियात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हुए संवेदनाओं को गहराई से उकेरा है। हर पृष्ठ पर पाठक को एक नया अनुभव मिलता है, जिसमें वे पात्रों के संघर्षों और उनकी भावनाओं के साथ खुद को जोड़ते हैं। गोवा की पृष्ठभूमि में चलने वाली यह कहानी न केवल स्थान का वर्णन करती है, बल्कि वहां की जीवंतता और रोजमर्रा की जिंदगी की जटिलताओं को भी उजागर करती है।
इस पुस्तक में समाज के कई ऐसे पहलुओं का चित्रण किया गया है, जो अनदेखे रह जाते हैं। सच्चे संवाद और गहन विचारधारा के साथ, यह पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या सच में वे उस दुनिया का हिस्सा हैं जो उनके चारों ओर मौजूद है। यह एक ऐसी रचना है जो पाठक के दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ती है।
लेखक पाठक ने क्रियात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हुए संवेदनाओं को गहराई से उकेरा है। हर पृष्ठ पर पाठक को एक नया अनुभव मिलता है, जिसमें वे पात्रों के संघर्षों और उनकी भावनाओं के साथ खुद को जोड़ते हैं। गोवा की पृष्ठभूमि में चलने वाली यह कहानी न केवल स्थान का वर्णन करती है, बल्कि वहां की जीवंतता और रोजमर्रा की जिंदगी की जटिलताओं को भी उजागर करती है।
इस पुस्तक में समाज के कई ऐसे पहलुओं का चित्रण किया गया है, जो अनदेखे रह जाते हैं। सच्चे संवाद और गहन विचारधारा के साथ, यह पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या सच में वे उस दुनिया का हिस्सा हैं जो उनके चारों ओर मौजूद है। यह एक ऐसी रचना है जो पाठक के दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ती है।