NAGRAJ AUR THODANGA

NAGRAJ AUR THODANGA

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페이지 32
언어 힌디어
출판됨 Jan 1, 1990
출판사 Raj Comics
ISBN-10 8184916868
ISBN-13 9788184916867
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설명

संजय गुप्ता और मुलिक स्टूडियो की यह कहानी तन्जानिया के अद्भुत जंगलों में बेताज बादशाह सम्राट थोडांगा की दहशत के खिलाफ संघर्ष को दर्शाती है। थोडांगा, जो अपनी क्रूरता और शक्ति के लिए प्रसिद्ध है, जंगल के हर जीव के लिए खतरा बन गया है। उसकी तानाशाही के खिलाफ एक साहसी योद्धा की दस्तक होती है, जो जंगल के जीवों को उनके खोए सम्मान की वापसी दिलाने का प्रयास करता है।

कहानी में न केवल रोमांच है, बल्कि प्रकृति और जीवों के प्रति गहरा प्रेम भी छिपा हुआ है। पाठक जंगल की गहराईयों में जाकर थोडांगा के खतरों का सामना करते हुए नायक के साथ एक अद्भुत यात्रा पर निकलते हैं। यहां हर पत्ते की सरसराहट और हर जानवर की पुकार में न केवल डर, बल्कि उम्मीद का एक नया सन्देश भी है।

आखिरकार, यह कहानी केवल एक लड़ाई की नहीं है, बल्कि यह उन मूल्यों की भी है, जिनसे हर जीव का अस्तित्व जुड़ा हुआ है। पाठक यह समझते हैं कि डर के आगे साहस ही सबसे बड़ी ताकत हो सकती है, जो अंत में जीत दिलाने में सक्षम है।

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