अनोखी रात
door
सुरेन्द्र मोहन पाठक
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Formaat
Paperback
Pagina's
200
Taal
Hindi
Gepubliceerd
Aug 1, 1980
Uitgever
Tulsi Pocket Books
Beschrijving
देवेन्द्र पराशर एक सामान्य युवक हैं, जो अपने जीवन के एक नए पड़ाव पर कदम रखने के लिए तैयार है। उसकी होने वाली पत्नी के अतीत का ज्ञान और उसकी पृष्ठभूमि की गहराइयों में झांकने की आवश्यकता उसकी जिंदगी में एक अनपेक्षित मोड़ लाती है। उस रात की घटनाएँ उसे मजबूर करती हैं कि वह न केवल अपनी भावनाओं का सामना करे, बल्कि अपने रिश्ते की नींव को भी समझे।
इस यात्रा में, देवेन्द्र अतीत की छायाओं का सामना करता है, जहाँ वह जानता है कि एक व्यक्ति के इतिहास का उसके वर्तमान और भविष्य पर क्या प्रभाव होता है। यह कहानी प्रेम, विश्वास और अतीत के साथ आगे बढ़ने की जटिलताओं की है, जो पाठकों को एक दिलचस्प अनुभव में झोंक देती है।
इस यात्रा में, देवेन्द्र अतीत की छायाओं का सामना करता है, जहाँ वह जानता है कि एक व्यक्ति के इतिहास का उसके वर्तमान और भविष्य पर क्या प्रभाव होता है। यह कहानी प्रेम, विश्वास और अतीत के साथ आगे बढ़ने की जटिलताओं की है, जो पाठकों को एक दिलचस्प अनुभव में झोंक देती है।
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