NAGRAJ KE BAAD
por
Anupam Sinha
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Formato
Brochura
Páginas
64
Idioma
Hindi
Publicado
Jan 1, 2009
Editora
Raj Comics
ISBN-10
9332415099
ISBN-13
9789332415096
Descrição
नागराज के बाद की कहानी एक महानगर में जीवन की कड़ी सच्चाइयों का सामना करती है। महानगरवासियों की जद्दोजहद में रहम का कोई स्थान नहीं है। पात्रों की भावनाएँ और संघर्ष शहर की कठिनाईयों के साथ मेल खाती हैं, जहाँ हर फैसला तड़प और बलिदान का इशारा करता है।
कहानी में नैतिकता और मजबूरी के बीच की जंग को दर्शाया गया है। जब दया की जगह दौलत और स्वार्थ ले लेता है, तब मानवता के प्रति संवेदनाओं की कमी महसूस होती है। यह एक सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी है, जो पाठकों को अपने भीतर झाँकने का मौका देती है।
कहानी में नैतिकता और मजबूरी के बीच की जंग को दर्शाया गया है। जब दया की जगह दौलत और स्वार्थ ले लेता है, तब मानवता के प्रति संवेदनाओं की कमी महसूस होती है। यह एक सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी है, जो पाठकों को अपने भीतर झाँकने का मौका देती है।
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