NAGRAJ AUR SHANGO

NAGRAJ AUR SHANGO

Оценок пока нет
Формат Мягкая обложка
Страницы 32
Язык Хинди
Опубликовано Jan 1, 1986
Издатель Raj Comics
Хочу прочитать

Оценить эту книгу

Экспортировать журнал книг

Описание

सुज़ुकी, एक कुशल मार्शल आर्ट्स प्रशिक्षक, ने सिल्वरलैंड की आजादी की लड़ाई में ताकाशी की सहायता करने का निर्णय लिया। उसकी यात्रा में, वह अपने अनुयायियों के साथ एकजुट होकर साहसिकता और समर्पण की एक नई कहानी लिखता है। यह कहानी न केवल व्यक्तिगत संघर्षों को दर्शाती है, बल्कि सामुदायिक एकजुटता और विरोध के प्रतीक के रूप में भी उभरती है।

किसी भी कठिनाई के बावजूद, सुज़ुकी अपने शिष्यों के साथ मिलकर शक्ति और साहस के अद्भुत उदाहरण पेश करते हैं। उनकी तैयारियों और तकनीकों में कुशलता देखते हुए, पाठक यह महसूस करते हैं कि हर संघर्ष में सामूहिक शक्ति कितनी महत्वपूर्ण होती है।

इस यात्रा के माध्यम से, मित्रता और विश्वास का अद्भुत बंधन बनता है, जो न केवल सिल्वरलैंड के लोगों के लिए, बल्कि सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। सुज़ुकी और ताकाशी की दोस्ती और साहस की कहानी एक नई आशा का संचार करती है।

Обзоры

Отзывов пока нет

Станьте первым, кто оставит отзыв о этой книге и поделится своими мыслями

Добавить первый отзыв

Журнал чтения

Журналы чтения не найдены

Начните отслеживать ваш прогресс в чтении, чтобы видеть записи здесь

Добавьте ваш первый журнал чтения

Заметки

Заметки не найдены

Начните добавлять заметки, чтобы видеть их здесь

Добавьте вашу первую заметку

Журнал транзакций

Журналы транзакций не найдены

Начните отслеживать ваши книжные транзакции, чтобы видеть записи здесь

Добавьте ваш первый журнал транзакций