खोटा सिक्का
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페이지
304
언어
힌디어
출판사
Manoj Publications
설명
जीत एक ऐसा चरित्र है जिसकी ज़िंदगी में असफलता और निराशा का अंधेरा छाया हुआ है। उसके पास जीवन की सभी चीज़ें हैं, लेकिन एक गहरी भावना होती है कि वो कुछ खास नहीं कर रहा। सुरेन्द्र मोहन पाठक ने इस पात्र को गहराई से चित्रित किया है, जो संघर्षों और आत्म-संदेह से जूझता है।
कहानी जीत के संघर्षों और उसकी पहचान की खोज के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां वह अपने अतीत की छायाओं से लड़ता है। पाठक ने मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस पात्र को प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक उसकी पीड़ा और अंतर्द्वंद्व को महसूस कर सके। जीत की यात्रा एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो अंततः उसे उसकी वास्तविकता का सामना करने के लिए मजबूर करती है।
कहानी जीत के संघर्षों और उसकी पहचान की खोज के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां वह अपने अतीत की छायाओं से लड़ता है। पाठक ने मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस पात्र को प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक उसकी पीड़ा और अंतर्द्वंद्व को महसूस कर सके। जीत की यात्रा एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो अंततः उसे उसकी वास्तविकता का सामना करने के लिए मजबूर करती है।