गवाही
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Format
Paperback
Pages
302
Language
Hindi
Published
Mar 1, 2010
Publisher
Raja Pocket Books
ISBN-10
8176043672
ISBN-13
9788176043670
Description
गवाही के पन्नों में पाठक को एक gripping और intense कहानी का सामना करना पड़ता है। इंस्पेक्टर नीलेश गोखले की जांच एक अनोखी मोड़ लेती है, जब वह एक महत्वपूर्ण गवाह की तलाश में जुटता है। इस गवाह का अद्वितीय संबंध उसे उसकी मजबूरी और जटिलता को समझने पर मजबूर करता है, जिससे हर कदम पर नई चुनौतियाँ सामने आती हैं।
कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स की भरपूरता है। जैसे-जैसे नीलेश गवाह की सच्चाई को उजागर करते हैं, पाठकों को एक गहरे मानव मन और उसके अंदर के संघर्षों का एहसास होता है। सगा मांज होने की वजह से स्थिति और भी पेचीदा हो जाती है, खुलासे होते हैं और रिश्तों की परतें उधड़ती हैं।
इस किताब में तंज और संवाद का बेहतरीन बुनावट पाठकों को कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होने देते। सुरेन्द्र मोहन पाठक ने न सिर्फ एक दिलचस्प कहानी बुनाई है, बल्कि भावनाओं और नाटकीयता का ऐसा मिश्रण पेश किया है जो हर पन्ने पर पाठको को मजबूती से बांधे रखता है।
कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स की भरपूरता है। जैसे-जैसे नीलेश गवाह की सच्चाई को उजागर करते हैं, पाठकों को एक गहरे मानव मन और उसके अंदर के संघर्षों का एहसास होता है। सगा मांज होने की वजह से स्थिति और भी पेचीदा हो जाती है, खुलासे होते हैं और रिश्तों की परतें उधड़ती हैं।
इस किताब में तंज और संवाद का बेहतरीन बुनावट पाठकों को कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होने देते। सुरेन्द्र मोहन पाठक ने न सिर्फ एक दिलचस्प कहानी बुनाई है, बल्कि भावनाओं और नाटकीयता का ऐसा मिश्रण पेश किया है जो हर पन्ने पर पाठको को मजबूती से बांधे रखता है।
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